Analysis of ek soch



                               एक सोच
एक सोच जिंदगी की कहानी कहने वाली
एक सोच राह के बड़े-बड़े पत्थर हटाने वाली
जीवन में सोच का बहुत बड़ा रोल होता है
हमारी जिंदगी में सोच का ही सारा खेल होता है
इसलिये बढ़ाओ अपनी कल्पना शक्ति ओर फैलाओ उम्मीदो के पंख, क्युकि इसी में है जीवन का आनंद।

मंजिल है तो रास्ते भी है, राह में मुकाम ओर भी है
लेकिन तू घबड़ाना नहीं, क्योंकि जिंदगी के खेल में मुसाफिर भी है ओर मंजर भी है
सोच की गरहाई अगर समझो,तो जिंदगी एक कहानी है
ओर हर किसी की कहानी की अपनी ही एक जुबानी है
इसलिये बढ़ाओ अपनी कल्पना शक्ति ओर फैलाओ उम्मीदो के पंख, क्युकि इसी में है जीवन का आनंद।

अगर तेरी सोच सही है तो, ना तो झुक ना तो डर, बस हो जा निडर
तोड़ दे गलत सोच की दिवारे ओर हो जा तू अमर, हो जा तू अमर...
अपनी अच्छी सोच के साथ हो जा दुनिया से बेखबर
तेरी जीत ही दिखाएगी तेरी सोच का समंदर
इसलिये बढ़ाओ अपनी कल्पना शक्ति ओर फैलाओ उम्मीदो के पंख, क्युकि इसी में है जीवन का आनंद।

तेरी एक सही सोच ही तुझे ऊपर उठायेगी
तू हिम्मत तो कर तेरी एक सोच कहीं न कहीं परचिम लहरायेगी
आंधी हो तूफ़ान हो तू मजबूत कर होसले
तेरी एक सोच का जादू चारो तरफ चले
जिंदगी की यही है सच्चाई की अगर सोच सही तो राह सही, सोच सही तो राह सही...
नहीं तो कहीं भी चले जाओ पूरी कायनात में, जिंदगी की कहानी बस यहीं; की सोच कर देख बंदे एक गलत सोच तुझे कहां से कहां ले जाएगी वो तुझे खुद ही डरायेगी
और वही एक सही सोच जिंदगी में खुशी के पल लाएगी
इसलिये बढ़ाओ अपनी कल्पना शक्ति ओर फैलाओ उम्मीदो के पंख, क्युकि इसी में है जीवन का आनंद।

दुनिया में एक से एक मिसाल है, जो नीचे से ऊपर उठा है
सिर्फ और सिर्फ एक सही सोच का कमाल है
कि कमाल है मेरे दोस्त, एक सही सोच का जादू,
राह में बड़ी – बड़ी मुश्किलें भी लगती है तिनके के समान
और मेहनत,ईमानदारी और सही सोच से बनता है इंसान महान
इसलिये बढ़ाओ अपनी कल्पना शक्ति ओर फैलाओ उम्मीदो के पंख, क्युकि इसी में है जीवन का आनंद।


Scheme
Poetic Form Palindrome
Metre 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1 1
Characters 4,286
Words 379
Sentences 3
Stanzas 5
Stanza Lengths 6, 5, 5, 8, 6
Lines Amount 30
Letters per line (avg) 0
Words per line (avg) 12
Letters per stanza (avg) 0
Words per stanza (avg) 74

About this poem

thought is the basic structure of our life that's why i wrote this poem.

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Submitted by meenakshi.k78 on October 01, 2022

Modified on March 05, 2023

1:53 min read
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MEENAKSHI

I leave in Kurukshetra. i got married. I'm working as a PTE trainer and I love writing more…

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    Style:MLAChicagoAPA

    "ek soch" Poetry.com. STANDS4 LLC, 2024. Web. 3 Jun 2024. <https://www.poetry.com/poem-analysis/142691/ek-soch>.

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