बहुत साल हो गए
' बहुत साल हो गए '
उस शख्स से मिले हुए
आज उनसे फिर मिलने को मन करता है
मेरे स्कूल के अध्यापक
' मिस्टर मिथुन मंडल '
चलो आप सबको बताऊं
कम से कम 4 साल पश्चात
उनसे क्यों मिलना चाहता हूं
और कुछ दिल की बातें हैं
जो उनसे कहना चाहता हूं
उनसे मुलाकात मेरी काव्य कक्षा में हुई
वो तब थे मुझसे एक दम अनजान
तब न थी उनसे कोई जान पहचान
यह जो मैं लिख रहा यह कविता
है सब उन्ही की वजह से मिली मुझे पहचान
अगर वो हमारे स्कूल में न होते
में रह जाता इस कला के बिन
तो चलिए अब इस कविता को शुरू करते हैं
विद इसका शीर्षक
बहुत साल हो गए
उनको देखे हुए
उनसे मिले हुए
वो थे मेरे लिए एक भगवान का अवतार
इस कविता का अंत में बताऊंगा आपको सार
मैं जब था उस स्कूल में नया
जब उनको पहली दफा देखा
मेरा मन मुझसे पूछने लगा
कौनसा विषय यह सर पढ़ाते होंगे
बच्चों के साथ कैसा बिहेव करते होंगे
पर जब पहली दफा उनके पास हमारी कक्षा लगी
जो थी विषय आर्ट्स की
तब उनके बारे में जानने को मिला
बाकी सब अध्यापकों से कुछ अलग
ही बात थी उनके अंदर
जैसा आज तलक पढ़ता आया हूं
कि education अगर करनी है प्राप्त
तो सिर्फ थ्योरेटिकल नॉलेज ही नहीं प्रयाप्त
कुछ वैसा ही था उनका सिद्धांत
हर प्रोब्लम का कुछ मज़ेदार सा सॉल्यूशन खोज लाते
और फिर हमको पढ़ाते
इसीलिए तो सभी बच्चों को थे वो भाते
चलो अब काम की बात पे आते हैं
जैसा था मेरी इस कविता का टाइटल
' बहुत साल हो गए '
उस शख्स से मिले हुए
अब इस बात को आगे बढ़ाते हैं
मुझे 2013 में जिस बीमारी ने था घेरा
मैं तो तालाश में लग गया ऑफ नया सवेरा
हिम्मत अपनी सारी हार चुका था
अपने सारे अरमान गला दबा मार चुका था
फिर उन्होंने मुझे यह रहा दिखाई
कि अगर भगवान द्वारा एक दरवाज़ा बंद किया जाता है
तो फिर इंसान
दो और दरवाजों को अनलॉक किया पाता है
कुछ वैसा ही मेरे साथ हुआ
भगवान ने जो एक दफा मेरे सपनों का दरवाजा
मेरी बीमारी द्वारा बंद करवाया
मैने यह काव्य दरवाज़ा खटखटाया
दरवाज़ा खुलते ही हुए ' मिथुन सर ' के दर्श
फिर क्या
मैने अपनी पहली कविता लिखी
जो करती थी मेरी बीमारी का हाल ब्यान
कवि सम्मेलन आयोजित बाय डीएवी स्कूल
मैने वहां अपनी कविता सुनाई
पता नहीं किसी को पसंद आई या नहीं
पर फिर भी सब ने तालियां बजाईं
अब मेरी पहली कविता का तो कोई पता नहीं
लोगों को कैसी लगी
पर जब मिथुन सर को उस दिन से पूर्व
सुनाई उनको मेरी यह कविता बहुत पसंद आई
लोगों से मुझे क्या लेना
बस मेरी वो कविता बन गई उनके लिए प्यारी बहना
इतना काफी है
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Written on March 17, 2021
Submitted by mittalj93 on December 27, 2023
- 2:18 min read
- 0 Views
Quick analysis:
Scheme | A B A |
---|---|
Characters | 5,281 |
Words | 466 |
Stanzas | 1 |
Stanza Lengths | 73 |
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Style:MLAChicagoAPA
"बहुत साल हो गए" Poetry.com. STANDS4 LLC, 2024. Web. 10 Jun 2024. <https://www.poetry.com/poem/178064/बहुत-साल-हो-गए>.
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